भारतीय सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर अनगिनत प्रेम कहानियाँ उभरीं, उनमें से कुछ कल्पना की उड़ान थीं तो कुछ वास्तविक जीवन की मार्मिक गाथाएँ। मगर इन सबमें एक ऐसी प्रेम कहानी भी है जो समय के साथ फीकी पड़ने के बजाय और भी चमकदार होती गई, वह है 'मधुबाला और दिलीप कुमार की प्रेम कहानी।' यह सिर्फ दो सितारों का रिश्ता नहीं था, बल्कि दो असाधारण प्रतिभाओं और दो नितांत विपरीत व्यक्तित्वों के बीच पनपा ऐसा प्रेम था, जो अपने अधूरेपन के कारण आज भी सिनेमाई किंवदंतियों में शुमार है। चित्र : गूगल से साभार आज के दौर में जब बॉलीवुड के रिश्ते क्षणभंगुर होते दिखते हैं, तब मधुबाला और दिलीप कुमार का नौ साल लंबा प्रेम संबंध, अपनी गहराई और मार्मिकता के कारण और भी विशिष्ट प्रतीत होता है। यह 1951 की बात है, जब फिल्म 'तराना' के सेट पर नियति ने उन्हें करीब ला दिया। उस समय, दिलीप कुमार को 'ट्रेजेडी किंग' के नाम से जाना जाता था। वे अपनी संजीदा अदाकारी, गहन व्यक्तित्व और पर्दे पर उदासी को साकार करने की अनूठी क्षमता के लिए मशहूर थे। उनका शांत स्वभाव और विचारों में डूबी आँखें उन्हें दर्शकों के बीच एक ...
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