भारत में न जाने कितने युवा पैदा हुए , लेकिन ऐसा क्या था उस युवा में जिसके जन्मदिन को हम ‘ युवा दिवस ’ के रुप में मनाते हैं। या यूं कहें कि उसने ऐसे कौन से कार्य किए जिससे वह आज भी हम युवाओं के प्रेरणास्रोत बने हुए हैं। जब कोई व्यक्ति अपने समय की समस्याओं से सीधे टकराकर मानवता के लिए पथ प्रदर्शित करने का कार्य करता है तो वह चिरस्मरणीय बन जाता है। ऐसे समय में जब दुनिया हमें नकारात्मक नजरिए से देख रही थी , हम उसके लिए अशिक्षित-असभ्य थे। तब ‘ उठो जागो और लक्ष्य तक पहुंचे बिना न रुको ’ का नारा देकर भारतीय जनमानस में नवचेतना का संचार करने वाला वहीं युवा था , जिसे आगे चलकर दुनिया ने ‘ स्वामी विवेकानंद ’ के नाम से जाना। भारतीय धर्म , दर्शन , ज्ञान एवं संस्कृति के स्वर से दुनिया को परिचित कराने वाले युवा ही हम सभी का प्रेरक हो सकता है। अपनी अपार मेधा शक्ति के चलते उसने न केवल ‘ अमेरिकी धर्म संसद ’ में अपनी धर्म-संस्कृति के ज्ञान का डंका बजाकर उसकी श्रेष्ठता को प्रमाणित किया , अपितु विश्व की भारत के प्रति दृष्टि में बद...
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