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आधुनिक महिला साबित्रीबाई फुले : भारत में नारीवादी आंदोलन की सूत्रधार

माता फुले जयंती पर, 'आधुनिक महिला साबित्रीबाई फुले: भारत में नारीवादी आंदोलन की सूत्रधार' विषय पर हुई परिचर्चा।
कार्यक्रम की शुरुआत माता फुले के चित्र के आगे दीप प्रज्वलित एवं पुष्पर्चान करके किया गया। कार्यक्रम में सम्मिलित महिलाएं और बच्चे माता फुले के जयंती केक काटकर मनाए। कार्यक्रम की रूपरेखा डॉ. विजयश्री मल्ल ने प्रस्तुत करते हुए कहा कि माता सावित्री बाई फुले उस समय स्कूल खोली जिस समय का समाज ऐसा सोचता था कि वो अपने घर की औरतों को पढ़ाएगा तो महामारी आ जाएगी, घर में घोर अनर्थ हो जाएगा, पाप लगेगा। इस समय स्कूल खोलना कितना कठिन रहा होगा; इसकी कल्पना आप कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें हजारों लोगों के घर जाकर उनकी बेटियों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया तदुपरान्त 9 लोगो ने अपनी बेटियों को पढ़ने के लिए भेजा। उनकी समझ केवल पढ़ाई तक सीमित न होकर औरतों के ऊपर लगाए गए ढेर सारे रूढ़िवादी परंपराओं का तार्किक विरोध तक भी था, जिससे महिलाओं का जीवन आसान हो सके। इसीलिए उन्हें भारत में नारीवादी आंदोलन की सूत्रधार के रूप याद किया जाता है। वो भारत की पहली आधुनिक महिला थी। डॉ. धर्मेंद्र कुमार मल्ल ने कार्यक्रम के आयोजक 'बुद्ध से कबीर तक' संस्था के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बुद्ध से कबीर तक ट्रस्ट 'बुद्ध से कबीर तक' की यात्रा निकालने के अतिरिक्त विभिन्न विषयों पर कार्यक्रम आयोजित करता रहा है, जिसमें महिलाएं अग्रणी भूमिका में भी रहीं हैं। माता फुले से हमें प्रेरणा लेते हुए हर इंसान को यह कोशिश करनी चाहिए कि वो अपने जीवन में कम से कम एक व्यक्ति को आधुनिक बनाने में अपना योगदान दे। कार्यक्रम के लिए जगह देने वाली संस्था मल्ल सैंथवार महासभा के अध्यक्ष गंगा सिंह सैंथवार ने अपने आशीष वचन देते हुए कहा कि 'सभी समाज के महिलाओं को अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए आगे आना चाहिए, यदि महिलाएं आगे नहीं आएंगी तो न तो समाज का विकास होगा न देश का।' माता फुले का जीवन परिचय प्रिया तिवारी ने दिया। शिक्षिका पूजा सिंह ने कहा कि 'अभिभावकों को अपने बेटियों का सहयोग उनकी शादी अच्छा करने के बजाय उनके करियर अच्छा करने में करना चाहिए।' करीना पासवान ने अपने मनोहर और प्रेरणादायक गीत के माध्यम से महामानव डॉ. अंबेडकर का परिचय कराया। हिंदी साहित्य की शोधार्थी रिंकी प्रजापति ने महिला केंद्रित काव्य पाठ किया। अनीता देवी ने कहा कि 'एक औरत को इतना जरूर करना चाहिए कि उसे अपने खर्च के लिए अपने पति पर निर्भर रहने के बजाय अपने खर्च खुद उठाने का प्रयास करना चाहिए, जिससे उसे किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े।' ब्यूटीशियन मीरा सिंह ने कहा कि 'हम प्रयास करते हैं कि जो असहाय है उसकी मदद कर सके, जो गरीब लड़कियां हैं उनको पार्लर मैं फ्री में सिखाती हूँ ताकि जो असहाय हैं वो भी सक्षम हो सके।' पूर्वांचल सेना के अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि 'माता फुले का जीवन एक गौरव गाथा है, उस जमाने में वो महज 17 साल की उम्र में स्कूल खोली थी। और तीन साल में ही उनके द्वारा खोले गए स्कूलों की संख्या 35 हो गई।' अनूप पटेल ने कहा कि 'महिलाएं ही अपने घर के साथ देश और समाज को टूटने से बचा सकती हैं।' आधुनिकता की परिभाषा देते हुए दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर डॉ. हितेश सिंह ने कहा कि 'आधुनिकता विचारों में होती है, पहनावे से आधुनिकता नहीं आती है, महिलाओं को अपने मूल्य स्वयं स्थापित करने चाहिए। भारत में नारीवादी आंदोलन को कभी पनपने नहीं दिया गया, अब तक भारतीय नारीवादी आंदोलन के केंद्र में भी पुरुष ही होते हैं, महिलाओं को पुरुषीय मानसिकता से बाहर निकलना चाहिए।' 


पूर्व IFS राघव सिंह ने कहा कि 'भारत में ऐसी संस्थाएं पनप रहीं हैं जो महिलाओं को बरगलाने का कार्य कर रहीं हैं, उनके बताए रास्ते पर चलने के बजाय आप अपना रास्ता स्वयं तय करें।' कार्यक्रम के संयोजक डॉ. रवींद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि 'सावित्री बाई फुले केवल शिक्षिका ही नहीं थी, वो एक नर्स भी थीं, उन्होंने विधवाओं के लिए आश्रम खोला, गर्भपात की व्यवस्था कराई, विधवा पुनर्विवाह कराया, अपने पति को कंधा दिया विधवा मुंडन का विरोध किया और प्लेग जैसी महामारी में रोगियों की सेवा करते हुए अपने जीवन त्याग किया। इसलिए उन्हें आधुनिक महिला के रूप में याद किया जाता है।' 



कार्यक्रम का संचालन हिंदी साहित्य की शोधार्थी पद्मिनी मल्ल ने किया, पद्मिनी ने सावित्री बाई फुले के जीवन चरित पर काव्य पाठ किया। बुद्ध से कबीर तक संस्था के संरक्षक डॉ. विनोद मल्ल ने कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की। बुद्ध से कबीर तक संस्था का मोमेंटो महासभा के अध्यक्ष गंगा सिंह, पूजा सिंह, रीता सिंह, असुर छात्र संगठन की प्रतिनिधि करीना पासवान एवं अनिता देव को दिया गया। सभी आगंतुकों को बुद्ध से कबीर तक एवं माता फुले चित्रित की रिंग एवं DMASK संस्था की तरफ से नव वर्ष का कैलेंडर उपहार स्वरूप दिया गया।


कार्यक्रम में इशरावती सिंह, नीलू सिंह, रीता सिंह, सौम्य सिंह, संध्या सिंह, खुशबू त्रिपाठी, रीता गुप्ता, खुशी त्रिपाठी, संजू मल्ल, सुधा सिंह, नीलम श्रीवास्तव, आंचल विश्वकर्मा, निशा गुप्ता, साधना सिंह, तेज प्रताप सिंह, पवन कुमार, भास्कर चौधरी, देवव्रत सिंह, अमरनाथ निषाद, बालमुकुंद सिंह, राहुल कुमार, चंद्रपाल पहलवान, बलवंत सिंह, अंकित कुमार, अधिवक्ता आकाश पासवान, संजय कुमार यादव, अधिवक्ता चंद्रशेखर आदि  समेत बच्चे भी सम्मिलित रहें।

Comments

  1. शानदार आयोजन।। प्रेरक।।

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