लखनऊ निवासी प्रतिष्ठित लेखक रामनगीना मौर्य ने पिछले कुछ वर्षों में ‘आखिरी गेंद’, ‘आप कैमरे की निगाह में हैं’, ‘साॅफ्ट काॅर्नर’ व ‘यात्रीगण कृपया ध्यान दें’, ‘मन बोहेमियन’, ‘आगे से फटा जूता’ एवं ‘खूबसूरत मोड़’ जैसे बेहतरीन कहानी-संग्रह पाठकों के सुपुर्द किया है। कहानीकार शिवमूर्ति के विचारानुसार-‘‘रामनगीना मौर्य आम जिन्दगी की कहानियां कहते हैं। जहां से ये अपनी कहानियों के पात्र लाते हैं, वहां तक सामान्यतः अन्य कथाकारों की निगाह नहीं पहुॅचती या फिर वे उधर निगाह डालना जरूरी नहीं समझते।...इसीलिए मैं रामनगीना मौर्य को उपेक्षित और अलक्षित जिन्दगी का विशिष्ट कथाकार कहूंगा।’’- (खूबसूरत मोड़, दूसरी आवृत्ति, पृ-7) रामनगीना जी की कहानियां आम जीवन की छोटी-से-छोटी घटना, भाव, वस्तु तथा स्थिति को पकड़ लेती हैं तथा उनके माध्यम से जीवन के उन अनछुए पहलुओं को प्रकाशित करती हैं जिसे जिन्दगी को सरसरी नजर से जीने वाले साधारण लोग नजरअंदाज कर जाते हैं। इस मामले में आपके विषय चयन की बारीकी व अंदाज-ए-बयान की महीनता पाठक को बांधकर रख लेती है। घर-कार्यालय के साधारण क्रिया-कलाप तथा मामूली वस्तुओं को चुनते हुए आपने उस...
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