रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध, जो 2014 में क्रीमिया के रूसी कब्जे और डोनबास में अलगाववादी आंदोलनों के समर्थन के साथ शुरू हुआ और 24 फरवरी, 2022 को रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के साथ चरम पर पहुंचा, आधुनिक विश्व के सबसे जटिल और गंभीर भू-राजनीतिक संकटों में से एक है। यह युद्ध केवल दो पड़ोसी देशों के बीच का क्षेत्रीय विवाद नहीं है, बल्कि इसने वैश्विक शक्ति संतुलन, आर्थिक स्थिरता, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय कानून, और मानवाधिकारों को गहराई से प्रभावित किया है। इसने शीत युद्ध की याद दिलाई है, जहां विचारधाराओं, सैन्य शक्ति, और आर्थिक हितों का टकराव वैश्विक व्यवस्था को पुनर्परिभाषित कर रहा है। इस लेख में युद्ध के ऐतिहासिक मूल, कारणों, भू-राजनीतिक निहितार्थों, हाल के घटनाक्रमों और भारत जैसे तटस्थ देशों की भूमिका का गहन और तथ्यपरक विश्लेषण प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। मूल आलेख ऐतिहासिक संदर्भ रूस और यूक्रेन के संबंधों की जड़ें मध्यकालीन कीव रस (9वीं से 13वीं सदी) तक जाती हैं, जो आधुनिक रूस, यूक्रेन, और बेलारूस की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक नींव थी। कीव, जो अ...
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